#रुबाइयाँ//सपने होंगे साकार सभी
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नीर व्यर्थ मत कभी बहाना , यूँ मुश्क़िल हर पल होगा।
डर अंतर से दूर करो तुम , कठिन विषय का हल होगा।।
वक़्त बदलता है रूप नये , पल कब ठहरा रहता है;
मेघ बना है आज वही जल , बरसे गंगा-जल होगा।।
नेक इरादे सोच बड़ी कर , पंक खिला शतदल होगा।
धैर्य शील से मन का कोना , हरपल में शीतल होगा।।
मधुमास-सी मस्ती रखिये , अंग-संग हर महकेगा;
भाव उठेंगे दृढ़ता धारे , मन कैसे चंचल होगा।।
वक़्त बुरा भी अच्छा होगा , कड़वा मीठा फल होगा।
रात बीतती है हर काली , फिर दिन का आँचल होगा।।
उम्मीदों के दीप जलाकर , दूर अँधेरे भागेंगे;
नीति प्रेम की रीति बढ़ेगी , छल का मन निश्छल होगा।।
अहं भगाकर करुणा जागे , ज्ञान बढ़े मंगल होगा।
माया मन का मैल बढ़ाए , जीवन यूँ दंगल होगा।।
आशुग हिम्मत का चला सके , अटक लटक कर हारेगी;
कंटक पथ के फूल बनाए , दीवाना मंज़िल होगा।।
ओक गगन के मैदान उड़े , कुशल पक्ष के बल होगा।
योद्धा रण की हो शान लड़े , विजय दक्ष के बल होगा।।
सपने होंगे साकार तभी , कला निखारी जाएगी;
रंग एक हैं भिन्न मगर गुण , सोना कब पीतल होगा।।
#आर.एस.’प्रीतम’
#सर्वाधिकार सुरक्षित रचना