Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2024 · 1 min read

सोच समझ कर वोलो वाणी रे

शब्द ब्रह्म संसार है वाणी
सरस्वती का वरदान है वाणी
वीणा का संगीत है वाणी
ज्ञान और विज्ञान है वाणी
अमृत वचनों का सार है वाणी
ईश्वर का वरदान है वाणी
मोक्ष मार्ग की राह वाणी
वशीकरण का मंत्र है वाणी
सप्त स्वरों का गान है वाणी
बंसी मधुर तान है वाणी
गीता वेद पुराण है वाणी
गुरु ग्रंथ का गान है वाणी
बाइबल और कुरान है वानी
ईश्वर का वरदान है वाणी
वशीकरण का मंत्र है वाणी
मोक्ष मार्ग का ज्ञान है वाणी
जप तप का वरदान है वाणी
ईश्वर का गुणगान है वाणी
व्यक्ति की पहचान है वाणी
सत्संग की सुरसरि है वाणी
अंतर मन की शक्ति वाणी
नवरस का उदगार है वाणी
व्यक्तिगत उदगार है वाणी
मीठी कड़वी जुवान है वाणी
अमृत विष सी आग है वाणी
वरदान और अभिशाप है वाणी
प्रेम और आशीर्वाद है वाणी
दावानल सी आग है वाणी
हिमगिरी सी शीतल है वाणी
जन-जन में प्यार जगाए वाणी
हिंसा द्वेष बढ़ाए वाणी
गले में हार डलाए वाणी
अपमान के घाव लगाए वाणी
जूते भी पढ़वाए वाणी
क्या चाहिए तुमको प्राणी
सोच समझ के बोलो वाणी

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
82 Views
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all

You may also like these posts

ख़बर ही नहीं
ख़बर ही नहीं
Dr fauzia Naseem shad
एक लम्बा वक्त गुजर गया जाने-अनजाने में,
एक लम्बा वक्त गुजर गया जाने-अनजाने में,
manjula chauhan
क्यों अपने रूप पर .......
क्यों अपने रूप पर .......
sushil sarna
वो सुहाने दिन
वो सुहाने दिन
Aman Sinha
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कलियुग
कलियुग
Dr.sima
समझदार बेवकूफ़
समझदार बेवकूफ़
Shyam Sundar Subramanian
परीक्षा
परीक्षा
पूर्वार्थ
हमें पदार्थ से ऊर्जा और ऊर्जा से शुद्ध चेतना तक का सफर करना
हमें पदार्थ से ऊर्जा और ऊर्जा से शुद्ध चेतना तक का सफर करना
Ravikesh Jha
କଳା ସଂସ୍କୃତି ଓ ପରମ୍ପରା
କଳା ସଂସ୍କୃତି ଓ ପରମ୍ପରା
Bidyadhar Mantry
वीणा-पाणि वंदना
वीणा-पाणि वंदना
राधेश्याम "रागी"
*मैं पक्षी होती
*मैं पक्षी होती
Madhu Shah
■ फूट गए मुंह सारों के। किनारा कर रहे हैं नपुंसक। निंदा का स
■ फूट गए मुंह सारों के। किनारा कर रहे हैं नपुंसक। निंदा का स
*प्रणय*
पत्थर तोड़ती औरत!
पत्थर तोड़ती औरत!
कविता झा ‘गीत’
"कलम की अभिलाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
राममय दोहे
राममय दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
वज़्न ---221 1221 1221 122 बह्र- बहरे हज़ज मुसम्मन अख़रब मक़्फूफ़ मक़्फूफ़ मुखंन्नक सालिम अर्कान-मफ़ऊल मुफ़ाईलु मुफ़ाईलु फ़ऊलुन
वज़्न ---221 1221 1221 122 बह्र- बहरे हज़ज मुसम्मन अख़रब मक़्फूफ़ मक़्फूफ़ मुखंन्नक सालिम अर्कान-मफ़ऊल मुफ़ाईलु मुफ़ाईलु फ़ऊलुन
Neelam Sharma
स्याही की
स्याही की
Atul "Krishn"
गुरु मेरा मान अभिमान है
गुरु मेरा मान अभिमान है
Harminder Kaur
सिर्फ व्यवहारिक तौर पर निभाये गए
सिर्फ व्यवहारिक तौर पर निभाये गए
Ragini Kumari
हुस्न वाले उलझे रहे हुस्न में ही
हुस्न वाले उलझे रहे हुस्न में ही
Pankaj Bindas
मृत्यु ही एक सच
मृत्यु ही एक सच
goutam shaw
"एकान्त चाहिए
भरत कुमार सोलंकी
मन  के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
मन के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
Meera Thakur
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह ✍️
शेखर सिंह
'चाँद गगन में
'चाँद गगन में
Godambari Negi
3391⚘ *पूर्णिका* ⚘
3391⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
प्रेम की परिभाषा
प्रेम की परिभाषा
himanshii chaturvedi
Loading...