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6 Jan 2024 · 1 min read

“सोचो ऐ इंसान”

“सोचो ऐ इंसान”
सोचो ऐ इंसान जरा
आखिर तू कैसा जीता है,
बावजूद अपनी उम्र में
कइयों की उम्र जोड़ लेता है।
काल सदा सतर्क है
तू ग़ाफ़िल क्यों होते हो,
उच्च जीवन धारण करके
क्यों न कालजयी होते हो?

5 Likes · 5 Comments · 201 Views
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