सोचा ना था
जीवन की सुनहली सुबह मे
बड़ी तमन्यता से
तिनका – तिनका
जोड़ा था उसने
और बनाया
सपनों का घोंसला
अपनो के लिये
तब सौचा ना था
जीवन की संध्या बेला मे
अपने ही एक दिन
उड़ जाऐंगे
अपनी – अपनी
राह ढुंढते
एक अलग
सपनों का घोंसला बनाऐंगे ।
जीवन की सुनहली सुबह मे
बड़ी तमन्यता से
तिनका – तिनका
जोड़ा था उसने
और बनाया
सपनों का घोंसला
अपनो के लिये
तब सौचा ना था
जीवन की संध्या बेला मे
अपने ही एक दिन
उड़ जाऐंगे
अपनी – अपनी
राह ढुंढते
एक अलग
सपनों का घोंसला बनाऐंगे ।