Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2019 · 1 min read

सोचा ना था

जीवन की सुनहली सुबह मे
बड़ी तमन्यता से
तिनका – तिनका
जोड़ा था उसने
और बनाया
सपनों का घोंसला
अपनो के लिये
तब सौचा ना था
जीवन की संध्या बेला मे
अपने ही एक दिन
उड़ जाऐंगे
अपनी – अपनी
राह ढुंढते
एक अलग
सपनों का घोंसला बनाऐंगे ।
~रश्मि

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 310 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अंधेरों में अंधकार से ही रहा वास्ता...
अंधेरों में अंधकार से ही रहा वास्ता...
कवि दीपक बवेजा
2687.*पूर्णिका*
2687.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किसान
किसान
Bodhisatva kastooriya
श्रीराम का पता
श्रीराम का पता
नन्दलाल सुथार "राही"
शिवा कहे,
शिवा कहे, "शिव" की वाणी, जन, दुनिया थर्राए।
SPK Sachin Lodhi
आया जो नूर हुस्न पे
आया जो नूर हुस्न पे
हिमांशु Kulshrestha
मच्छर
मच्छर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खुद से भी सवाल कीजिए
खुद से भी सवाल कीजिए
Mahetaru madhukar
सेर
सेर
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
Shweta Soni
Ahsas tujhe bhi hai
Ahsas tujhe bhi hai
Sakshi Tripathi
* रचो निज शौर्य से अनुपम,जवानी की कहानी को【मुक्तक】*
* रचो निज शौर्य से अनुपम,जवानी की कहानी को【मुक्तक】*
Ravi Prakash
नव्य उत्कर्ष
नव्य उत्कर्ष
Dr. Sunita Singh
आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या  रिश्ते को इतन
आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या रिश्ते को इतन
पूर्वार्थ
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
Subhash Singhai
■ ट्रिक
■ ट्रिक
*Author प्रणय प्रभात*
व्यक्तित्व की दुर्बलता
व्यक्तित्व की दुर्बलता
Dr fauzia Naseem shad
फितरत
फितरत
मनोज कर्ण
"बहुत है"
Dr. Kishan tandon kranti
वो भी तो ऐसे ही है
वो भी तो ऐसे ही है
gurudeenverma198
गरीब हैं लापरवाह नहीं
गरीब हैं लापरवाह नहीं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वादे खिलाफी भी कर,
वादे खिलाफी भी कर,
Mahender Singh
अपना मन
अपना मन
Neeraj Agarwal
सोच
सोच
Sûrëkhâ Rãthí
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
ऐ दोस्त जो भी आता है मेरे करीब,मेरे नसीब में,पता नहीं क्यों,
ऐ दोस्त जो भी आता है मेरे करीब,मेरे नसीब में,पता नहीं क्यों,
Dr. Man Mohan Krishna
चिरैया पूछेंगी एक दिन
चिरैया पूछेंगी एक दिन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बुद्ध बुद्धत्व कहलाते है।
बुद्ध बुद्धत्व कहलाते है।
Buddha Prakash
दोहे - नारी
दोहे - नारी
sushil sarna
Loading...