सोचा एक अफ़साना लिख दूँ,
सोचा एक अफ़साना लिख दूँ,
ज़िन्दगी का फ़साना लिख दूँ,
अवसर एक सुहाना लिख दूँ,
खुशी का परवाना लिख दूँ ।।
गुज़रा हुआ ज़माना लिख दूँ,
रूठना और मनाना लिख दूँ,
खुश रहने का बहाना लिख दूँ,
सोचा एक अफ़साना लिख दूँ ।।
सोचा एक हिसाब लिख दूँ,
प्यार को बेहिसाब लिख दूँ,
जीना-मरना साथ लिख दूँ,
अढ़ाई दिन का पाठ लिख दूँ ।।
सोचा ईश्वर का पैगाम लिख दूँ,
सबके हित की बात लिख दूँ,
एक हो जात-पात लिख दूँ,
आज मैं पूरी कायनात लिख दूँ ।।