Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2016 · 1 min read

“सोचकर देखो”

युग बदल रहा है तुम भी जरा बदल कर देखो,
मोह माया से दूर कहीं सीधे चलकर देखो !
———————————–
वक्त का सुरुर बहुत कुछ है कहता यहाँ,
मंज़िल है कहाँ तुम बस ये सोचकर देखो !
——————————–
आयेगा वक्त इस कदर तुम्हारा भी कभी ,
बडे हो गये हो ज़रा बडा सोचकर तो देखो!
———————————–
मिलेगा यहाँ फरिश्ते की तरह कोई,
अबकी बार भरोसा करके देखो !
——————————-
खुदा ने भेजा है तुम्हे किसी अच्छे के लिये यहाँ,
इस कदर कभी खुद को समझकर तो देखो !
————————————
आस्था भी निराधार भक्ति भी जरुरी यहाँ ,
सयंम कभी तो कभी खुद को शांत करके तो देखो !
————————————-
बदल गया यहाँ बहुत कुछ यहाँ ,
खुद को भरी नींद से ज़गा कर तो देखो !

Language: Hindi
1 Like · 512 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"माँ का आँचल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
खड़ा रेत पर नदी मुहाने...
खड़ा रेत पर नदी मुहाने...
डॉ.सीमा अग्रवाल
पारिजात छंद
पारिजात छंद
Neelam Sharma
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*समझो बैंक का खाता (मुक्तक)*
*समझो बैंक का खाता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
बोल के लब आजाद है
बोल के लब आजाद है
Desert fellow Rakesh
मौज  कर हर रोज कर
मौज कर हर रोज कर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#तेवरी (देसी ग़ज़ल)
#तेवरी (देसी ग़ज़ल)
*प्रणय*
किस किस्से का जिक्र
किस किस्से का जिक्र
Bodhisatva kastooriya
हमारी फीलिंग्स भी बिल्कुल
हमारी फीलिंग्स भी बिल्कुल
Sunil Maheshwari
कलाकार
कलाकार
Shashi Mahajan
ग़ज़ल _मुहब्बत के मोती , चुराए गए हैं ।
ग़ज़ल _मुहब्बत के मोती , चुराए गए हैं ।
Neelofar Khan
4279.💐 *पूर्णिका* 💐
4279.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इस दुनिया में सिर्फ मोबाइल को ही पता होता है उसका मालिक का क
इस दुनिया में सिर्फ मोबाइल को ही पता होता है उसका मालिक का क
Ranjeet kumar patre
यें लो पुस्तकें
यें लो पुस्तकें
Piyush Goel
इश्क इवादत
इश्क इवादत
Dr.Pratibha Prakash
किताबों की कीमत हीरे जवाहरात से भी ज्यादा हैं क्योंकि जवाहरा
किताबों की कीमत हीरे जवाहरात से भी ज्यादा हैं क्योंकि जवाहरा
Raju Gajbhiye
खालीपन – क्या करूँ ?
खालीपन – क्या करूँ ?
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुछ दुआ की जाए।
कुछ दुआ की जाए।
Taj Mohammad
" इरादा "
Dr. Kishan tandon kranti
सुनील गावस्कर
सुनील गावस्कर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खुशामद की राह छोड़कर,
खुशामद की राह छोड़कर,
Ajit Kumar "Karn"
Swami Vivekanand
Swami Vivekanand
Poonam Sharma
रुख़ से पर्दा जरा हटा दे अब।
रुख़ से पर्दा जरा हटा दे अब।
पंकज परिंदा
संकल्प
संकल्प
Davina Amar Thakral
ना तुझ में है, ना मुझ में है
ना तुझ में है, ना मुझ में है
Krishna Manshi
बाल कविता: हाथी की दावत
बाल कविता: हाथी की दावत
Rajesh Kumar Arjun
यूं तो रिश्तों का अंबार लगा हुआ है ,
यूं तो रिश्तों का अंबार लगा हुआ है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
पापा गये कहाँ तुम ?
पापा गये कहाँ तुम ?
Surya Barman
Not a Choice, But a Struggle
Not a Choice, But a Struggle
पूर्वार्थ
Loading...