” सैल्यूट “
” सैल्यूट ”
जिस्म का सारा लहू बहाकर,
तिरंगे का सदा सम्मान रखते हैं।
अपनी सरजमीं पर मौत देखें,
यही आखिरी अरमान रखते हैं।
” सैल्यूट ”
जिस्म का सारा लहू बहाकर,
तिरंगे का सदा सम्मान रखते हैं।
अपनी सरजमीं पर मौत देखें,
यही आखिरी अरमान रखते हैं।