*हे शारदे मां*
हे शारदे मां
हे शारदे मां! हे शारदे मां !
अज्ञानता से हमें तार दे मां।
वीणा है तेरे हाथों में शोभित,
कंठ में मेरे झनकार दे मां,
सुरों का हमको वरदान दे मां।
हे शारदे मां! हे शारदे मां!
अज्ञानता से हमें तार दे मां।
मन में अंधेरा जो है व्यापित,
निर्बलता से हमें तार दे मां।
हे शारदे मां!हे शारदे मां!
अज्ञानता से हमें तार दे मां।
झूठ और प्रपंच है चहुं ओर फैला,
ऐसे अवगुण से निस्तार दे मां।
हे शारदे मां! हे शारदे मां !
अज्ञानता से हमें तार दे मां।
साक्षरता जिनमें नाम मात्र की हो,
अक्षरों का उनको तू ज्ञान दे मां।
हे शारदे मां! हे शारदे मां!
अज्ञानता से हमें तार दे मां।
हंस वाहिनी कमल पर विराजित,
स्नेह की सरिता का संचार दे मां।
हे शारदे मां! हे शारदे मां!
अज्ञानता से हमें तार देना।
वेदों पुराणों के अध्यायों की,
विद्या का हमको वरदान दे मां।
डॉ प्रिया।
अयोध्या।