सेल्फी वाला जमाना है !
सेल्फी वाला जमाना है,
सबको सबकुछ दिखाना है।
हाथों में सबके मोबाइल है,
होठों पर बेवजह स्माइल है ।
मंदिर हो या कोई पार्क हो,
मूर्ख हो या कोई शार्प हो।
हर कोई फोटो में मशरूफ है,
जीवन का नया ये स्वरूप है।
नेता भी सेल्फी के दीवाने,
आते हैं बस फोटो खिंचवाने।
सेल्फी की कैंपेन भी चलाते,
नए तरीके से अब भरमाते ।
इस सेल्फी के सम्मोहन में,
सच का आंचल छूट रहा।
तनिकों के ऐसे दोहन में,
रिश्ता नाता सब टूट रहा।
हर पल को कैद करने में,
पल भर भी जी न पाएंगे।
तसीवर खींचते खींचते,
तस्वीर स्वयं हम बन जाएंगे।
इस दिखावे की दुनिया में,
असलियत का पुष्प खिलाएं।
सेल्फी के इस दौर में भी,
गले इक दूसरे को लगाएं।
तकनीकों से दूर कहीं,
मन का कोई मंदिर सजाएं।
सोशल मीडिया पर नहीं,
मिलकर रिश्तों को निभाएं।