सेक्स और शिक्षा का संबंध
सेक्स और शिक्षा का संबंध
आधुनिक युग में, जहां हर तरफ दिखावे का है खेल,
सेक्स को समझा जाता है जैसे हो कोई खिलौना केवल।
फैंटेसी और वेग की इस दुनिया में,
सच को अनदेखा कर रहे हैं, यही है सबसे बड़ी भूल।
सेक्स सिर्फ एक खेल नहीं, ना ही कोई व्यापार,
यह जीवन का हिस्सा है, स्वस्थ रिश्ते का आधार।
पर बिना सही ज्ञान के, यह बन जाता है भार,
जिससे रिश्ता और सेहत, दोनों होते हैं बेकार।
सेक्स की है गहरी परिभाषा,
यह है सिर्फ शरीर का मिलन नहीं।
यह है आत्मा, मन और शरीर का संगम,
जहां समझ और प्यार की है जरूरत सही।
पर क्या यह सही ज्ञान है सबके पास?
या फिर व्यर्थ के मिथ्यों में खोया हर प्रयास?
जिसे दिखाया और बताया गया है बस फायदा पाने को,
वो है मिथक, सच से दूर, भ्रमों में फंसे रहने को।
हर घर में हो इस विषय पर संवाद,
हर विद्यालय और कॉलेज में हो इसकी बुनियादी बात।
ताकि जो भ्रम फैला रहे हैं व्यापारी,
उन्हें हो सके दूर, और बने जीवन में साफ नजर।
सेक्स कोई मिथक नहीं, यह जीवन का सत्य है,
पर इसके साथ जुड़ी है सही जानकारी की जरूरत।
जो बनाए हमारे रिश्तों को मजबूत और सेहतमंद,
ताकि हर इंसान पा सके इस जीवन का असली आनंद।
आओ करें जागरूकता का विस्तार,
सही ज्ञान और शिक्षा से करें सभी को साकार।
ताकि सेक्स हो जीवन का स्वस्थ हिस्सा,
और न हो कोई मिथक, जो हमें भटकाए इस राह से दूर।
यह कविता सेक्स एजुकेशन के महत्व और सही ज्ञान की आवश्यकता पर जोर देती है, और मिथकों के खिलाफ जागरूकता फैलाने का संदेश देती है।