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15 May 2024 · 1 min read

सृजन

ग़ज़ल

मैने प्रेम-मुहब्बत,नफरत और अदावत,
की गज़ल लिखी,कुछ आशार लिखे है!
कुछ पोथी मे बंद पडे है,कुछ सराहे गए,
ऐसा कुछ जीवन का आधार लिखे है!!
मैने नशीली चितवन पर श्रंगार लिखा है,
और राष्ट्र-धर्म सबल प्रतिकार लिखे है!!
जीवन के अगणित अनुभव चित्रित कर,
नश्वर जीवन अप्रतिम अभिसार लिखे है!!
महाभारत की गाथा का निश्चल,निरुपम,
निष्कपट चितंन का कटु आधार लिखे है!!
कर्मयोग का कलियुग मे महत्व है कितना?
पर्यावरण प्रदूषण का प्रतिकार लिखे है!!
अच्छा-बुरा,नीति-नियति से प्रतिबन्धित वे,
निष्काम भाव से भक्ति बारम्बार लिखे है!!

मौलिक रचना सर्वाधिकार सुरछित
बोधिसत्व कस्तूरिया एडवोकेट,कवि,पत्रकार
202 नीरव निकुजं,सिकंदरा,आगरा-282007
मो:9412443093

Language: Hindi
22 Views
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