सृजन चेतना
कविता की नहीं जाती, हो जाती है। अगर करने भर से कविता होती तो दुनिया के सारे लोग कवि हो जाते! अगर मैं ओशो की भाषा में कहूं तो कविता doing से नहीं being से होती है।
कविता की नहीं जाती, हो जाती है। अगर करने भर से कविता होती तो दुनिया के सारे लोग कवि हो जाते! अगर मैं ओशो की भाषा में कहूं तो कविता doing से नहीं being से होती है।