सूरज होगा उदय
सूरज होगा उदय
चमगादड़ विश्व परिषद
उल्लू सेना व सहयोगी
हो गए हैं एकजुट
जो हैं अंधकार के आदि
चुंधिया जाती हैं
इनकी आंखें
नवीनता की रोशनी से
चाहते हैं ये
कायम रहे अंधकार
अपना रहे हैं
साम-दाम-दंड-भेद
अंधकार कायम रखने को
तरस रही हैं आंखें
बाकियों की
रोशनी देखने को
आखिरकार होगा उदय सूरज
नहीं छुप सकता
बादलों में
अधिक समय तक
उल्लुओं के न चाहने से
सूरज कभी
रुका नहीं करते
-विनोद सिल्ला©