सूरज चाचा रजाई में छुप गए …
सूरज चाचा ! सूरज चाचा ,!
तुम कहां चले गए ,
इस हाड़ कंपाती सर्दी में ,
हम तो ठंड से मर गए ।
इस सर्दी से डरकर लगता है ,
तुम भी किसी रजाई में छुप गए ।
अपनी एक झलक दिखलाओ ना !
थोड़ा रजाई से बाहर निकल आओ न !
कसम से हमें बड़ी राहत मिलेगी ।
धरतीवासियों की तुम्हें ढेरों दुआएं मिलेगी ।