सूरज के घर मची खलबली
जब भी धरती पर शमा जली
सूरज के घर मची खलबली
गांधी के फोटो के पीछे
मिली हमें हर जगह छिपकली
चंदा है बेचैन गगन में
इक जुगनू की बारात चली
सिसक रहे काजू कोने में
अब नाच रही है मूंगफली
जलता रहता मोम यहाँ पर
पुजते हैं पत्थर गली गली