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10 Mar 2020 · 1 min read

सूनी होली

*******सूनी होली******
**********************

बीत गई है वो सुनहरी बेला
होली उत्सव की रंगीली बेला

होली की शाम है फीकी बीती
रंग गुलाल बिना बीती ये बेला

आँखें बरसीं,रंग नहीं हैं बरसे
साजन बिना है बीती ये बेला

दिल है रोया,आँखे भी तरसी
तन्हाई में तन्हा बीती ये बेला

हाथ में रंग धरे के धरे रह गए
रंगहीन बदरंग सी बीती बेला

जड़ें उखड़ी, शाखाएँ टूट गई
सुखविंद्र प्रेम हवा ले गई बेला

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
293 Views
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