Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2024 · 1 min read

माणुसकी

जे मिळा‌लय ते घेत जावे
आपल्यातले थोडे, इतरांनाही देत जावे
हसू ओठातले हळूच येत रहावे
समोरच्याचे दुःख थोडे आपल्याही ह्रदयी पेलवावे

जे मिळवलयं त्याचा गर्व नाही
पण आनंद लुटत जावे
मागचेही आपल्या सोबत येतील
असे काहीतरी करत रहावे

देवू नाही शकलो जरी जन्म कोणाला
तरी जन्मलेल्यांना थोडे जगवून पहावे
आईपण आहे आपल्याही नशीबी
असे आपले कर्म करूनी दाखवावे

जातीभेद धर्मभेद अस्पृश्यता
कधीच मनी नाही बाळगावे
एकत्र तारे आपण ग्रहमा‌लेतले
प्रकाश देणारा देवच आहे

माझ्यातले थोडेसे तूलाही ठेव
असे बोलणारे दोन ओठच आहेत
जर कळल्या भावना दु:खीताच्या
मग किती महान ते हृदय आहे.

घे जरा समजून तूही मानवा
रित जगण्याची हीच आहे
मेल्यानंतरही जीवंत रहाण्याची
पद्धत म्हणतात माणुसकीच आहे

Language: Marathi
1 Like · 62 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"तजुर्बा"
Dr. Kishan tandon kranti
स्वार्थ से परे !!
स्वार्थ से परे !!
Seema gupta,Alwar
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
VINOD CHAUHAN
क्यों करते हो गुरुर अपने इस चार दिन के ठाठ पर
क्यों करते हो गुरुर अपने इस चार दिन के ठाठ पर
Sandeep Kumar
रमेशराज के विरोधरस के गीत
रमेशराज के विरोधरस के गीत
कवि रमेशराज
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
Harminder Kaur
जीने दो मुझे अपने वसूलों पर
जीने दो मुझे अपने वसूलों पर
goutam shaw
रिश्तों को कभी दौलत की
रिश्तों को कभी दौलत की
rajeev ranjan
रक्षाबंधन का त्यौहार
रक्षाबंधन का त्यौहार
Ram Krishan Rastogi
💐प्रेम कौतुक-483💐
💐प्रेम कौतुक-483💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सज़ा तुमको तो मिलेगी
सज़ा तुमको तो मिलेगी
gurudeenverma198
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
बैठे-बैठे यूहीं ख्याल आ गया,
Sonam Pundir
चुलियाला छंद ( चूड़मणि छंद ) और विधाएँ
चुलियाला छंद ( चूड़मणि छंद ) और विधाएँ
Subhash Singhai
Poem on
Poem on "Maa" by Vedaanshii
Vedaanshii Vijayvargi
#सामयिक_ग़ज़ल
#सामयिक_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
Buddha Prakash
*पति-पत्नी दो श्वास हैं, किंतु एक आभास (कुंडलिया)*
*पति-पत्नी दो श्वास हैं, किंतु एक आभास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कोई फाक़ो से मर गया होगा
कोई फाक़ो से मर गया होगा
Dr fauzia Naseem shad
कोई पागल हो गया,
कोई पागल हो गया,
sushil sarna
रुकना हमारा काम नहीं...
रुकना हमारा काम नहीं...
AMRESH KUMAR VERMA
राम-राज्य
राम-राज्य
Bodhisatva kastooriya
अगर प्यार करना गुनाह है,
अगर प्यार करना गुनाह है,
Dr. Man Mohan Krishna
कुछ अलग ही प्रेम था,हम दोनों के बीच में
कुछ अलग ही प्रेम था,हम दोनों के बीच में
Dr Manju Saini
अनचाहे फूल
अनचाहे फूल
SATPAL CHAUHAN
अवसाद
अवसाद
Dr Parveen Thakur
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
आखिर उन पुरुष का,दर्द कौन समझेगा
पूर्वार्थ
डूबें अक्सर जो करें,
डूबें अक्सर जो करें,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
खुद से प्यार
खुद से प्यार
लक्ष्मी सिंह
कविता: जर्जर विद्यालय भवन की पीड़ा
कविता: जर्जर विद्यालय भवन की पीड़ा
Rajesh Kumar Arjun
2662.*पूर्णिका*
2662.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...