Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2024 · 1 min read

मर्जी से अपनी हम कहाँ सफर करते है

दोस्तों,
एक मौलिक ग़ज़ल आप सभी को सादर प्रेषित है,,,

ग़ज़ल
====

मर्जी से अपनी हम कहाँ सफर करते है,
रखते तो है पाँव जमीं पर, मगर डरते है।
========================

रहमोकरम पर चलते है हम हमारा क्या,
रख दे हाथ सिर पर कोई तब निखरते है।
========================

हताश हमारी हयात, किस पर जोर चले,
अछूत हो जाती चीज,जहाँ हाथ धरते है।
========================

उठा कर सिर चल पड़े तो शामत हमारी,
न जाने क्या दोष क्यूँ नज़र में अखरते है।
========================

अमानुष बना के छोड़ा जमाने ने हम को,
कि शब-ओ-रोज घुट-घुट के हम मरते है।
=========================

सिसकती है जिंदगी, इतना जुल्म न करो,
मज़लूम “जैदि” देख तुमको आहें भरते है।
=========================

मायने:-
हताश:-निराश
हयात:-जिंदगी
शामत:-विपत्ति
शबे-रोज:-रात और दिन
मज़लूम:-अत्याचार से पीड़ित

शायर :-“जैदि”
डॉ.एल.सी.जैदिया “जैदि”
बीकानेर।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 32 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3140.*पूर्णिका*
3140.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
संवेदना सुप्त हैं
संवेदना सुप्त हैं
Namrata Sona
💐प्रेम कौतुक-501💐💐
💐प्रेम कौतुक-501💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जो रास्ता उसके घर की तरफ जाता है
जो रास्ता उसके घर की तरफ जाता है
कवि दीपक बवेजा
ड्राइवर,डाकिया,व्यापारी,नेता और पक्षियों को बहुत दूर तक के स
ड्राइवर,डाकिया,व्यापारी,नेता और पक्षियों को बहुत दूर तक के स
Rj Anand Prajapati
वास्ते हक के लिए था फैसला शब्बीर का(सलाम इमाम हुसैन (A.S.)की शान में)
वास्ते हक के लिए था फैसला शब्बीर का(सलाम इमाम हुसैन (A.S.)की शान में)
shabina. Naaz
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
"चुनौतियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
अलबेला अब्र
अलबेला अब्र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
Dr fauzia Naseem shad
फूल कुदरत का उपहार
फूल कुदरत का उपहार
Harish Chandra Pande
11-कैसे - कैसे लोग
11-कैसे - कैसे लोग
Ajay Kumar Vimal
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
प्रजापति कमलेश बाबू
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
हिद्दत-ए-नज़र
हिद्दत-ए-नज़र
Shyam Sundar Subramanian
इक तमन्ना थी
इक तमन्ना थी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
When the destination,
When the destination,
Dhriti Mishra
हुई नैन की नैन से,
हुई नैन की नैन से,
sushil sarna
काम,क्रोध,भोग आदि मोक्ष भी परमार्थ है
काम,क्रोध,भोग आदि मोक्ष भी परमार्थ है
AJAY AMITABH SUMAN
12, कैसे कैसे इन्सान
12, कैसे कैसे इन्सान
Dr Shweta sood
यह सुहाना सफर अभी जारी रख
यह सुहाना सफर अभी जारी रख
Anil Mishra Prahari
भूख 🙏
भूख 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जग के जीवनदाता के प्रति
जग के जीवनदाता के प्रति
महेश चन्द्र त्रिपाठी
सिर्फ खुशी में आना तुम
सिर्फ खुशी में आना तुम
Jitendra Chhonkar
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*बस यह समझो बॅंधा कमर पर, सबके टाइम-बम है (हिंदी गजल)*
*बस यह समझो बॅंधा कमर पर, सबके टाइम-बम है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आदमी बेकार होता जा रहा है
आदमी बेकार होता जा रहा है
हरवंश हृदय
मन जो कि सूक्ष्म है। वह आसक्ति, द्वेष, इच्छा एवं काम-क्रोध ज
मन जो कि सूक्ष्म है। वह आसक्ति, द्वेष, इच्छा एवं काम-क्रोध ज
पूर्वार्थ
शोहरत
शोहरत
Neeraj Agarwal
Loading...