सूना सूना
सूना सूना
सूना वस्तिम सूना हर कोना
प्रिय तेरे बिन मेरा क्या होना
सूना प्रकोष्ठ सूना वो झूला
प्रीत की पेंगें हाय कैसे भूला
सूना उपवन सूना उर सुमन
उड़ गया अलि तोड़ के बंधन
सूना सूना जीवन चाहे हरदम
मैं तू औ’तू मैं हो अगले जनम
रेखांकन।रेखा
*वस्तिम -घर
प्रकोष्ठ -आँगन