* सुहाती धूप *
** नवगीत **
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सर्दी के मौसम में देखो
सबको खूब सुहाती धूप
श्वेत दुधिया रंग लिए
धुंध पड़ी हर ओर
शीतलता से हो रहा
कंपित है हर छोर
सहसा ही राहत बन आती
और मंद मंद मुसुकाती
सबके घर आँगन बगिया में
जैसे ही खिल जाती धूप
सर्दी के मौसम में देखो
सबको खूब सुहाती धूप
घर के अंदर लोग सभी
रहने को मजबूर
कैद नहीं भाती उनको
सुविधा में भरपूर
ऐसे में उन्मुक्त भाव भर
हर कोने में गर्माहट कर
हर बोझल मन की खुशियों को
सहसा ही सहलाती धूप
सर्दी के मौसम में देखो
सबको खूब सुहाती धूप
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य