सुस्त पड़ी हर दस्तक,थम गई हर आहट
सुस्त पड़ी हर दस्तक,थम गई हर आहट
क्यों शब्द हुए है मौन,क्यों धड़कन मंद है
रास्ते सारे कहाँ बंद है ,चल उठ ,थाम हौसलो को
पकड़ हिम्मत को,तू थक मत हार कर
बस कदम से कदम मिला ,आहटों का शोर होगा
तेरे साथ कोई तो खड़ा होगा ,देख मंजिल तुझे पुकारे
रास्ते कर रहे है इशारे ,एक दिन तेरा भी जहां होगा
आसमाँ पे तेरा ही नाम होगा,अभी अकेला है तो क्या
कल भीड़ का हिस्सा होगा,सबकी जुबाँ पर तेरा ही किस्सा होगा
तू होगा हर शय में,तेरा ही अब नाम होगा
पर,चल उठ….