“सुर्खियाँ”
“सुर्खियाँ”
अर्थ खोती जा रही सुर्खियाँ
घटनाएँ तो बड़ी-बड़ी
मगर हर रोज वही-वही
राहजनी हत्या बलात्संग
दंगे और नक्सलवाद
मुफ्त बन्दरबाँट
भेदभाव धोखाधड़ी
राजनीतिक गड़बड़झाला
और फिल्मी मसाला।
“सुर्खियाँ”
अर्थ खोती जा रही सुर्खियाँ
घटनाएँ तो बड़ी-बड़ी
मगर हर रोज वही-वही
राहजनी हत्या बलात्संग
दंगे और नक्सलवाद
मुफ्त बन्दरबाँट
भेदभाव धोखाधड़ी
राजनीतिक गड़बड़झाला
और फिल्मी मसाला।