सुरजेवाली क्लिष्ट हिंदी
सुरजेवाली क्लिष्ट हिंदी
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हमारे देश में जब-जब कांग्रेस के हिसाब से सत्य , लोकतंत्र और मानव अधिकार खतरे में होते हैं , तब-तब अपना हर चुनाव बुरी तरह से हारे , ये सुरजेवाल न जाने कहां से अचानक टीवी स्क्रीन पर प्रकट होकर अपनी क्लिष्ट हिंदी का सुदर्शन चक्र घुमाते हुए बड़े ही घृणापूर्ण अंदाज़ में ‘भाजप्पा-भाजप्पा-भाजप्पा-भाजप्पा’ का मंत्रोचार करते हुए दिखाई देते हैं . अब इनकी हालत पर भी तरस आने लगा है! बीते कई सालों से लगता है कि ये भी मानसिक दिवालियेपन का शिकार हो चुके हैं . तभी तो हिंदी पर इतनी अच्छी पकड़ होने के बाद भी बेचारे ‘भाजपा ‘ को ‘भाजप्पा’ कहकर ही पुकारते हैं !
हिंदी के शब्दों को जितनी नफरत और घृणा से सुरजेवाल इस्तेमाल करते हैं , उतना शायद ही किसी और ने कभी किया हो.
यकीन न हो तो गौर कीजिएगा !
वैसे मुझे लगता है कि इनका हर प्रवचन हम भक्तों की संख्या में इजाफा ज़रूर कर देता होगा !
काश यह बात कांग्रेस को जितनी जल्दी समझ आ जाए और जैसे अखिलेशवा के मुंह पर ताला डाला है वैसे इसका भी कुछ इंतजाम कर दें !
*मुझे तो यह भी महसूस होने लगा है कि अब कि यह वाक्य –
‘ भाजप्पा लोकतंत्र की हत्या कर रही है !’ , भी पहली बार इन्हीं के श्रीमुख से प्रस्फुटित हुआ था !
-Sugyata