सुमंगल कामना
परम श्रेष्ठ सुमंगल कामना
मधुर जप राम नाम हाथ जोड़कर लेना।
सौभाग्य सहाय होई
दीन के दीनबंधु होई।
परम पूज्य पतिवर्ता नारी
श्रीसीताराम सब पर सहाई।
परम श्रेष्ठ सुमंगल कामना
मधुर जप राम नाम हाथ जोड़ लेना।
पवित्रता, नेक श्री राम राज की
कार्य किए सब लोकहित की
जीवन जिए ना स्वार्थ की
त्यागमय ,परहित परम स्नेही।
परम श्रेष्ठ सुमंगला कामना
मधुर जप राम नाम हाथ जोड़कर लेना
कलियुग में नाम लेकर भक्ति करें।
यथा शक्ति गुणगान करें।
व्यक्ति ( जीव )अपना कल्याण करें I
जीव दीर्घकाल से भूल रहें।
अपूर्णता में झूल रहे हैं।
अज्ञानता झेल रहे हैं।
स्वयं शरीर कष्टप्रद है।
स्वप्नबद्ध हैं संसार।
इसलिए मनुष्य सीताराम गा।
सच्ची – अच्छी भावों का वितरण कर रही हूं।
श्री रामचरित मानस का पाठ कर रही हूं।
अपना, जन – मानस कल्याण कर रही हूँ।
परम श्रेष्ठ सुमंगल कामना
मधुर जप राम नाम हाथ जोड़ लेना।_ डॉ. सीमा कुमारी
बिहार,भागलपुर,दिनांक–15-4-022की मौलिक एवं स्वरचित रचना जिसे आज प्रकाशित कर रही हूं।