सुभद्रा कुमारी चौहान
सुभद्रा कुमारी चौहान
हिंदी साहित्य की प्रतिष्ठित कवयित्री
जिसका करते भारतीय गुणगान
भावनाओं को प्रभावित करती रचनाएं
लिखती थी सुभद्रा कुमारी चौहान।
16 अगस्त 1904 नाग पंचमी के दिन
निहालपुर गांव, इलाहाबाद उत्तर प्रदेश
पिता रामनाथ सिंह के घर
जन्म लिया किया धरा पर प्रवेश।
मात्र 9 वर्ष की अल्पायु में
सुभद्रा कुंवरी के नाम से
पत्रिका मर्यादा में प्रकाशित हुई
कविता नीम के नाम से।
खंडवा के ठाकुर लक्ष्मण सिंह
के मन की प्यारी रानी थी
स्वतंत्रता आंदोलन में कूद गई
रचनाकार एवं स्वतंत्रता सेनानी थी।
1921 में गांधी के असहयोग आंदोलन में
शामिल हो नागपुर में गिरफ्तार हुई
जेल में कठिन यातनाएं झेली
देश की प्रथम सत्याग्रही महिला हुई।
वीरों का कैसा हो बसंत ,राखी की चुनौती
विदा, ने आजादी का स्पष्ट बखान किया
आपकी रचित रचनाओं और गीतों ने
युवाओं का संग्राम में आह्वान किया।
अपनी रचना में हिंदी सरल खड़ी बोली का
स्पष्ट रूप से प्रयोग किया
साहित्य द्वारा स्वतंत्रता की खातिर
पुरजोर अपना संदेश दिया।
15 फरवरी 1948 को ऐसा
कार दुर्घटना का नाग डस गया
स्वतंत्रता सेनानी, साहित्य मणि को
मृत्यु का बाहुपाश कस गया।
मरणोपरांत भारतीय सरकार ने
इस वीरांगना को शोभायमान किया
1974 में डाक टिकट चलाया
2008 में तटरक्षक जहाज को नाम दिया।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश