सुबह सवेरे उड़कर पंछी
सुबह सवेरे उड़कर पंछी
दाना चुगने जाते हैं!
शाम होते ही अपने घर को आते हैं!
चिंता रहती उनको अपने बच्चों की
कुछ बीमार और कुछ अपनों की
खुद खाएं या ना खाएं
चिंता रहती अपनों की
सुबह सवेरे उड़कर पंछी……..
लेखक:-
उमेश बैरवा