*सुबह की भ्रूण-हत्या का नजारा देखिए साहिब (हिंदी गजल/ गीतिका)*
सुबह की भ्रूण-हत्या का नजारा देखिए साहिब (हिंदी गजल/ गीतिका)
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1
सुबह की भ्रूण-हत्या का नजारा देखिए साहिब
निकलने से गया पहले जो मारा देखिए साहिब
2
जिसके हाथ में पकड़ा छुरा देखा है सबने ही
जरा फिर चेहरा उसका, दोबारा देखिए साहिब
3
कहाँ बदलाव की गाड़ी सही राहों पे चल पाई
कुटिलताओं ने जो पाया, सहारा देखिए साहिब
4
किले में सेंध बाहर का, लगा पाता नहीं कोई
गद्दारी है पहरेदार द्वारा देखिए साहिब
5
किसी को तो व्यवस्था को बदलने की हुई जिद थी
किसी ने शेर-जैसा तो, पुकारा देखिए साहिब
6
लड़ा है जो बुराई से, वो अब भी अपना हीरो है
भले वो युद्ध में जीता या हारा देखिए साहिब
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451