सुन पाक
पाक गंदी हरकते ढोल रहा है
मेरे भारत के लाल का खून बोल रहा है ।
मेरे वीरो को तूने ऐसे पछाड़ा
देख तेरी धरती पर हम कैसे
बनाएंगे अखाड़ा ।
हम नरम थे तू सुधर जाएगा
हम अब तुझे ऐसे मारेगे तू किधर जाएगा ।
गांडीव अर्जुन बन जवान तीर कमान चलाएगा
दुष्ट पाक तेरे घर की ईंट ढहाएगा ।
भारत है मेरा देश तुम इसे कम मत आँक,,
तेरी काटेंगे ऐसे सुपर्णखा की तरह नाक ।
अभी तो हमने कुछ नही बिगाड़ा है ,,
इसलिए तूने हमारे वीरो को लताड़ा है ।
शहीद वीरो की लहू की नदियाँ नही सुखी है ,,,
मेरी भारत माँ तेरी मुंडे की माला पहनने की भूखी है ।
जय हिंद
✍✍प्रवीण शर्मा ताल
स्वरचित मौलिक रचना