* सुनो मास्क पहनो दूल्हे जी (बाल कविता)*
* सुनो मास्क पहनो दूल्हे जी (बाल कविता)*
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चूहे जी बारात संग ले
शादी करने आए ,
सिर पर साफा ,सेहरा लंबा
मंद मंद मुस्काए
चुहिया आई थी चूहे को
पहनाने वरमाला ,
बिना मास्क पहने चूहे को
देखा तो कह डाला
सुनो मास्क पहनो दूल्हे जी
फिर शादी में आना ,
सभी बराती जाँचे परखे
सिर्फ नेगेटिव लाना
बेचारा खिसियाकर चूहा
बोला मैं पछताया,
मास्क लगाना बहुत जरूरी
समझ मुझे यह आया।।
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर(उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451