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5 Aug 2024 · 1 min read

“सुनो तो सही”

“सुनो तो सही”
कुछ दूर चल के वापस लौटना नहीं,
आगे बस कुछ दूर पर ही मंजिल है।
अन्धेरों से भी करने होंगे दो-दो हाथ,
हर सफर की फितरत में ये शामिल है।

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