“सुनो तो सही”
“सुनो तो सही”
कुछ दूर चल के वापस लौटना नहीं,
आगे बस कुछ दूर पर ही मंजिल है।
अन्धेरों से भी करने होंगे दो-दो हाथ,
हर सफर की फितरत में ये शामिल है।
“सुनो तो सही”
कुछ दूर चल के वापस लौटना नहीं,
आगे बस कुछ दूर पर ही मंजिल है।
अन्धेरों से भी करने होंगे दो-दो हाथ,
हर सफर की फितरत में ये शामिल है।