सुनो करुण पुकार —- (घनाक्षरी छंद)
सुनो करुण पुकार, आया आया तोरे द्वार।
भरो बुद्धि का भंडार, दीप मां जलाया है।।
फेले फेले उजियारा, मिटे अंधकार सारा।
चरणों में शरण दो,तुमको मां ध्याया है।।
हे मां शारदे भवानी,विद्यादानी महारानी
हो मां बड़ी तुम दानी,,आंचल फैलाया है।
लीला जाए न बखानी,बेटा नन्हा मां अज्ञानी।
मां करो महरबानी,साथ तोरा मां भाया है।।
राजेश व्यास अनुनय
**********जय मां सरस्वती************