सुना सुना सा था आंगन !!!
सुना सुना सा था आंगन,लाए आप तो अपनापन।
तन मन और यह जीवन,लगने लगे जैसे आया सावन।
बना रहे नेह का बन्धन,न आए अब कोई उलझन।
तुम्हारी हमारी राह के पीछे चल पड़े सारे ही जन।
विश्वास हमारा कहता हमसे,
महक उठेगा देश के हर घर का गुलशन।।
राजेश व्यास अनुनय