Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2018 · 1 min read

सुनहरी शाम

ये सुनहरी शाम और ये जाती हुयी सूरज की धूप,
कितना खूबसूरत लगता है प्रकृति का ये अनमोल रूप।

ये हवा की हसीन अदायें,
कितनी जचती है ये वादियों पे फिजायें।
ये कुदरत का नजारा मन मोह लेता है
राह चलते मुसाफिर के कदम,
निहारने के लिए रोक लेता है।

ये सूरज भी ना कितना इंतजार करवाता है,
मगर जब अपने घर वापस जाता है।
इस सुनहरी शाम की सौगात देकर जाता है,
ये पहर सबके मन को बहुत भाता है।

इस सुनहरी शाम के नजारे को कैद करने,
कोई छत पर, कोई नदी तट पर,
कोई पर्वत पर, कोई उद्यान में जाता है,
ये मनमोहक नजारा मन को असीम सुख दिलाता है।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 1617 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िम्मेदार कौन है??
ज़िम्मेदार कौन है??
Sonam Puneet Dubey
💞 डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त 💞
💞 डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त 💞
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" अंधेरी रातें "
Yogendra Chaturwedi
बदला है
बदला है
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मैं लिखूंगा तुम्हें
मैं लिखूंगा तुम्हें
हिमांशु Kulshrestha
*रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई,
*रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई,
Dushyant Kumar
प्रेम।की दुनिया
प्रेम।की दुनिया
भरत कुमार सोलंकी
शिकस्त मिली ओलंपिक में उसका कोई गम नहीं ,
शिकस्त मिली ओलंपिक में उसका कोई गम नहीं ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
करूण संवेदना
करूण संवेदना
Ritu Asooja
बस एक कदम दूर थे
बस एक कदम दूर थे
'अशांत' शेखर
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
Shweta Soni
3112.*पूर्णिका*
3112.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पुण्यधरा का स्पर्श कर रही, स्वर्ण रश्मियां।
पुण्यधरा का स्पर्श कर रही, स्वर्ण रश्मियां।
surenderpal vaidya
करम धर्म की नींव है,
करम धर्म की नींव है,
sushil sarna
बुंदेली चौकड़िया-पानी
बुंदेली चौकड़िया-पानी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
■दूसरा पहलू■
■दूसरा पहलू■
*प्रणय*
ग़ज़ल–मेरा घराना ढूंढता है
ग़ज़ल–मेरा घराना ढूंढता है
पुष्पेन्द्र पांचाल
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
तुम गए जैसे, वैसे कोई जाता नहीं
Manisha Manjari
चमन यह अपना, वतन यह अपना
चमन यह अपना, वतन यह अपना
gurudeenverma198
दोगलापन
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
आंसू तुम्हे सुखाने होंगे।
आंसू तुम्हे सुखाने होंगे।
Kumar Kalhans
की मैन की नहीं सुनी
की मैन की नहीं सुनी
Dhirendra Singh
*आओ पौधा एक लगाऍं (बाल कविता)*
*आओ पौधा एक लगाऍं (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कहर कुदरत का जारी है
कहर कुदरत का जारी है
Neeraj Mishra " नीर "
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
Dr fauzia Naseem shad
रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत
कवि रमेशराज
" बेवजह "
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
Rituraj shivem verma
किया जाता नहीं रुसवा किसी को
किया जाता नहीं रुसवा किसी को
कवि दीपक बवेजा
Loading...