सुदर्शन क्रिया
योग से तन कुंदन होता है,क्रिया से खिल जाये आपका जीवन ।
एक सुदर्शन क्रिया कर रही,मुक्त रोग से आपका तन मन।।
जो भी इसको अपना लेगा ,उसकी चिंता मिट जाएगी ।
कष्ट ना उसको छू पाएंगे ,रोग से मुक्ति मिल जाएगी ।।
खुद पर ही एहसान करोगे ,रोज़ सुदर्शन अगर करोगे।
साठ मिनट का समय जो दोगे, जीवन भर बस मौज करोगे ।।
क्रिया गुरु का ऐसा मंतर , जिससे जीवन खिले निरंतर ।
जो भी इसको अपना लेगा , पता चलेगा उसको अंतर।।
क्रिया से पहले क्या जीवन था, बाद क्रिया के अब कैसा है।
मोह माया सब छूट जाएंगे, गुरु ज्ञान यह बस ऐसा है।।
आठ साल से एक सौ आठ तक ,सब ही इसको कर सकते है।
जिसने स्वर्ग नहीं देखा है , स्वर्ग का अनुभव कर सकते है।।
विजय बिजनौरी