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30 Dec 2017 · 1 min read

सुख में तो बनेंगें दोस्त बहुत

सुख में तो बनेंगे दोस्त बहुत
अपना होने का दावा करेंगे बहुत
सब कुछ हूं पर नहीं मतलबी मैं
जब कभी लगे छाया जीवन में अंधेरा
चिन्तायें लगाने लगें जब मन में डेरा
संग हंसने को तो है ये ज़माना बहुत
रोने को मन शुरु करे गर मचलना
कभी न हिचकना..न कभी घबराना
खुशियों में तो मिलेंगे सहारे बहुत
दर्द में गर कभी पड़े अकेले मुस्कुराना
बेझिझक मेरा ये द्वार खटकाना
ना होगा कोई स्वार्थ ना कोई बहाना
कोशिश होगी बस अपनों का दिल से मुस्कुराना
© अनुजा कौशिक

Language: Hindi
280 Views
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