सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह ओझल हो जाता है , फिर वह तुम्हें अचानक पकड़ लेता है , जब तुम अपनी यातना की ओट में मुंह छुपा कर बैठे हो ..
जन्मदिन विशेष : निर्मल वर्मा
किताब ‘ धुंध से उठती धूल ‘