सुकून ए मोहब्बत
सुकून ए मोहब्बत ना हमको मिला
बाकी सब कुछ मिला हमको तू ना मिला
हाथ उठते इबादत में रब से सनम
यूं ही जारी रहे जुल्म का सिलसिला
एक तेरे सिवा ज़िंदगी कुछ नही
आशिकी भी अधूरी मुकम्मल नहीं
तू जो आए कभी एक पल के लिए
नगमा गाएं ये धड़कन ग़ज़ल कुछ नहीं
नाम तेरा अगर आईना जान ले
बेख़बर बन तुझे रहगुजर मान ले
वो भी मांगे खुदा से दुआ बस तेरी
हर सफर में तुझे हमसफ़र मान ले