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9 Nov 2017 · 1 min read

सुई हूँ!

सुई!
संयमित,समर्पित,लगनशील
अपनी ही धुन में पक्की
ना फ़िक्र किसी की,ना ही परवाह
आड़ी,तिरछी,मिर्छी, सब तरह से
कैसे भी हो वस्त्र सभी मैं सिलू
सुई हूँ!
कभी शिकायत ना की किसी से
धागे को भी अपने ऊपर पहनाऊँ
टेलर के भी मैं खूब नखरे उठाऊँ
फटे पुराने,नए-नए लिबास बनाऊँ
कैसे भी कपडे हो सबको सजाऊँ
सुई हूँ!
नही सोचती क्या सोचेगा कोई
अपने ही धुन में चलती जाऊँ
सुई हूँ!
छोटी हूँ लेकिन काम बड़े करूँ
अपनी लग्न से ऊंचाइयां भरूँ
सुई हूँ!
मेरे बिना काम ना हो पाये
टेलर का नाम ना हो पाये
हो चाहे पूरी मशीन पास
बिन मेरे कोई काम ना कर पाये
सुई हूँ!
लोगो ने यूँही बदनाम किया मुझे
कि लोगो को अक्सर दर्द दे जाऊँ, लेकिन
हर चीज़ को जोड़ने के काम आऊँ
टुकड़े टुकड़े को जोड़ कर एक बनाऊँ
सुई हूँ!!

-आकिब जावेद

Language: Hindi
268 Views
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