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18 Feb 2024 · 1 min read

सुंदर पंक्ति

झाँक रहे हैं इधर-उधर सब,
अपने अंदर झांकें कौन ?

ढूंढ़ रहे दुनियाँ में कमियां,
अपने मन में ताके कौन ?

सबके भीतर दर्द छुपा है,
उसको अब ललकारे कौन ?

दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते,
ख़ुद को आज सुधारे कौन ?

पर उपदेश कुशल बहुतेरे,
खुद पर आज विचारे कौन ?

हम सुधरें तो जग सुधरेगा,
यह सीधी बात गले उतारे कौन ?

Language: Hindi
151 Views

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