सीरिया रानी
चिड़िया जैसी गुड़िया रानी,
देखा नहीं जाता तुम्हारे आंखों में पानी।
धूल मिट्टी से भरा चेहरा तुम्हारा,
बयां करती हैं मानो – कोई नहीं है मेरा सहारा।
दर्द भरी आंखें तुम्हारी,
बयां करती हैं मानो – अंधकार है दुनिया सारी।
झूठी मुस्कुराहट होटों पे तुम्हारे,
बयां करती हैं मानो – मत कहो हँसने को, रो पडूंगी मैं अभी।
मट- मैली वस्त्र तुम्हारे,
बयां कर रही हैं मानो – छोड़ चले गए अकेले में मुझे सभी।
घुंग्रालू बिखरे केश तुम्हारे,
बयां कर रही हैं मानो – नहीं है कोई सर पे हाथ फेरने को।
बच्ची की मत्थे की ये झुर्रियां,
बयां कर रही हैं मानो – बहुत चिंतित हूं, मुझे इस चिंता से वंचित करो।
मासुम रोते नज़रे तुम्हारे,
बयां कर रही हैं मानो – मरे मां- बाप को कोई मेरे, सोने से जगा दो।
खोया हुआ झुमका तुम्हारा,
बयां कर रही हैं मानो – खो दिया है मैंने अपने सर का साया।
अनहोनी चित्र इस बच्ची की है,
बयां कर रही हैं मानो-
यह बयां सच्ची की है।
©® डॉ. मुल्ला आदम अली
तिरुपति – आंध्र प्रदेश
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