*सीमा की जो कर रहे, रक्षा उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
सीमा की जो कर रहे, रक्षा उन्हें प्रणाम (कुंडलिया)
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सीमा की जो कर रहे , रक्षा उन्हें प्रणाम
चौकन्ने दिन – रात रह ,जागे जो अविराम
जागे जो अविराम ,नमन सैनिक बलधारी
तुम पर करता गर्व ,देश प्रतिपल आभारी
कहते रवि कविराय ,नहीं व्रत करना धीमा
तुमसे ही अक्षुण्ण , हिंद की पावन सीमा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451