सीख गांव की
गांव से सीखा है हमने
बड़ो के प्रति दिल में हो सदा
भाव उनके सम्मान का
छोटों के प्रति दिल में रहे सदा
भाव उनसे प्यार का
कहती मिट्टी गांव की सदा
थोड़ा झुक कर चला करो
मत उड़ना कभी नहीं तुम
घमंड़ से इस आसमान में
गिर जाओगे जब तुम
लजित हो इस धरा पे
कभी नज़रे न मिला किसी से पाओगे
पता सभी को एक बात है
नहीं वो ऊंचाई किसी काम की
हम जहां चडकर अपनो को ही भूल जाते है