सीखना होगा !हमें इन सब से सीखना होगा!!
सीखना होगा,
हमें यह सब सीखना होगा,
इन सब लोगों से सीखना होगा,
पहले लेन देन की जानते हैं,
पेमैंट कैसे करें,
शशिकांत दास जी बताते हैं,
रोजमर्रा के काम करने का तरीका,
जीवन जीने का सलीका,
हमें अब इन महामानवों से,
सीखना होगा,
दिनचर्या का प्रारंभ, जब होता,
प्रात:काल तब शौच जाना होता,
शौच को कैसे जाते हैं,
यह अमिताभ बताते हैं,
हाथ कैसे धोते हैं,
यह सचिन बताते हैं,।
खाने में आटा कौन सा लेना है,
यह सनी देओल बताते हैं,
स्वाद कैसे होता है,
यह सलमान सुनाते हैं,
डर से मुक्त होने का तरीका जानना चाहें,
तो इसे ऋतिक बताते हैं,
डर से आगे जीत है,
यह पेय पीकर सुनाते हैं,।
मास्क कैसे पहनना है,
यह, कोहली, रोहित, हरभजन,
द्रविड़, गांगुली,व सहवाग, सचिन,
पहन कर हमें दिखाते हैं,
इंटरव्यू को कैसे लेना हो तो,
अक्षय कुमार से जाने,
प्रश्र कैसे पुछे जाते हैं,
आप आम कैसे खाते हैं,
काट कर,या चूस कर,
और यदि आपको,
आम खाना हो तो,
पी एम, नरेंद्र भाई की माने ,
काट कर खाएं,या चूस कर खाएं,
बहुत ही निर्मल भाव से बताते हैं,
आम ऐसे खाते हैं।
झूठ को सच कैसे बनाते हैं,
यह मोटा भाई से जाने,
अवसर को गंवाना हो तो,
राहुल से पूछें,
संतान मोह को,
सोनिया से सीखें,।
और तब भी ना सीख सकें तो,
फिर यह भी तो हैं,
मुलायम हैं, लालू हैं, पासवान भी है,
शरद पंवार हैं,उद्धव हैं,के सी आर भी है,
प्रकाश सिंह बादल हैं, वसुंधरा है,
राजनाथ हैं, अमित शाह हैं,।
और भी ना जाने कितने ही महापुरुष हैं,
इन सब का अनुसरण कर सकते हैं,
एक से एक हमें सीखने को तैयार रहते हैं,
पर हम सीखना चाहें,
तभी तो बात बनेगी,
वर्ना, इनकी मेहनत बेकार ही रहेंगी,।
वैसे हमारी आदतें ही ठीक नहीं है,
नकल तो कर लेते हैं,
पर सीखते नहीं हैं,
अन्यथा,क्या अन्य सिद्ध पुरुष नही हुए हैं,
राम चन्द्र जी तो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं,
श्रीकृष्ण जी ने भी गीता का ज्ञान दिया है,
गौतम बुद्ध ने क्या कम कहा है,
चलो यह बहुत पुरानी बात हो गई है,।
लेकिन मोहनदास करमचंद गांधी तो इसी काल में ही हुए हैं,
जिन्होंने अंंहिंषा का मार्ग चुना है,
क्या हम उनके बताए मार्ग पर चल पाए हैं,
कैसे बताएं हम अपने अनुसार जीतें हैं,
जो अपने अनुकूल हो वही चुनते हैं,
तो फिर यह यों ही कहे जाते हैं,
नहीं , पर हम सीखने के बजाय,
नकल कर पाते हैं, नकल कर आते हैं।।