गीत :-सितम तुम्हारे प्यार में
3.2.2017 ***** समय 6.50
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सितम तुम्हारे प्यार में सहते रहे जो हम
फ़िजा बदल गयी राहे – खिज़ा के वास्ते
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हो गये रास्ते अलग क्यों मेरे नदीम अब
कहते थे रस्मे निभायेंगे कसमें निभायेंगे
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ग़म आये जो तेरे राहें वफ़ा-ए-प्यार में
हर सूं बिछायेंगे राहों में नजरें वितान सी
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आये जो ख़ार भी दरमियां इस प्यार में
ख़ुशी – ख़ुशी अपनी पलकों से उठायेंगे
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जफ़ा वफ़ा है क्या तुमको सिखाएंगे हम
जिस्मों का ये महल खण्डहर हो जायेगा
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काहे सुने आहत चाहत में ये उदासियां
रूहानी इश्क है फिर रस्में निभाना क्या
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गर् मौत भी मिले मिलकर ख़ुशी से जाये
कह दे जा मैंने तुझे छोड़ा प्यार के वास्ते
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क्यों आंसू बहाना लख बहाने बना -बना
सितम तुम्हारे प्यार में सहते रहे जो हम ।।
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?मधुप बैरागी