सिंगार
आज किया जो सिंगार किसके लिए
सच बताओ ये है प्यार किसके लिए
हल्की सी मुस्कुराहट है जो चेहरे पर
बाल लहराते हरबार किसके लिए
आज बेसब्री है आंखो मे इतनी जो
हो रहा ये जो इन्जार किसके लिए
जब है ही नही प्यार तुमको मुझे से
खुद से है ये तकरार किसके लिए
मोहन बामणीया