साहित्य हित साधन बने, हित साध्य हो सबको अहो!***
साहित्य हित साधन बने,
हित साध्य हो सबको अहो!***
इतिहास का हो आइना,
सद्वृत्ति का सतपथ कहो !
जनगण को हो ये सीख,
नित शिक्षा तरंगों मे बहो
साहित्य हित साधन बने,
हित साध्य हो सबको अहो!***
सद्भाव भर दे ह्रदय में
सब लोग हिल मिल कर रहो
संवेदना की सीख हो,
जन पीर जन-जन की गहो
साहित्य हित साधन बने,
हित साध्य हो सबको अहो!***
नवजागरण वायस बने,
निज कर्मरत हर पल रहो
गुरुजनों के हित सिखाये
नम्र बन सब कुछ सहो
साहित्य हित साधन बने,
हित साध्य हो सबको अहो!***