साहस
मन में जब उमंग उठे,
प्रफुल्लित मन जोश भरे,
हताशा की डोर कटे,
भय भी कोशो दूर रहे,
छोटी-सी उम्मीद लेकर बढ़ो,
हिम्मत दे और पीड़ा सहे,
धीरे-धीरे उबाल उठे,
जन्म हो भय मुक्त जीवन का,
साहस है जो ताकत बने,
थोड़ा-थोड़ा करके जगे,
एक बार तो करके देख,
साहस से मजबूत इरादे होते,
सीखने को खड़ा करें,
नए-नए सवाल जन्में,
जज्बातों से ऊपर उठे,
साहस से उत्थान होते,
क्रांति की चिंगारी ही है,
वीरता की पहचान बने।
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।