साहब बीमार हैं
अक्सर,
पद-प्रतिष्ठा, मान-सम्मान
और लोकप्रियता के वायरस
साहब को बीमार कर देते हैं।
साब ! प्लीज मिल लें,
का सदवाक्य सुनते-सुनते
आम आदमी से
साहब कतराने लगे हैं,
और मंत्री जी के टेलीफोन का कैपशूल
साहब को केर देता है चंगा
आम आदमी का साब!
अब हो गया है बहुरंगा ।
साहब के बहुरंगेपन ने
आम आदमी को,
बीमार कर दिया है
और साहब
बीमार आम आदमी के लिए
बीमार है ।