सावन
बरसाने में झम -झम बरस्यो पानी!
किशोरी जू है गई श्याम दिवानी!!
बृजमंडल में चर्चा फैल गई,
राधारानी है गई प्रेम दीवानी!
बरसाने में झम -झम बरस्यो पानी!!
चोरी-चोरी मिलने को जावत है,
और बनत है कैसी अंजानी?
बरसाने में झम -झम बरस्यो पानी!!
अब तो प्रेम पताका फहराय गई,
बिनकी लीला सिग गोपिन ने जानी!
बरसाने में झम -झम बरस्यो पानी!!
किसन कन्हैया तो सबको ही भlये,
बिनने तब ही महारास की है तानी!
बरसाने में झम -झम बरस्यो पानी!!
ग्वाल-बाल हैं रह सिग भौचकके
सखा हमारे ने कैसे करी या कारिस्तानी?
बरसाने में झम -झम बरस्यो पानी!!
बोधिसत्व कस्तूरीया